VidyamandirVMC

स्वर्गिया लता मंगेशकर को शतशत नमन

Posted On
Posted By Devnaa Mishra

 499 total views,  1 views today

लता मंगेशकर, एक शाश्वत आत्मा।
लता मंगेशकर ने हर व्यक्ति के दिलों में एक सुंदर राग छोड़ा। चाहे कोई भारतीय हो या दुनिया के किसी भी हिस्से से किसी को भी उनकी आवाज सुनने का आशीर्वाद मिला हो, उनके पास याद करने के लिए कुछ सुंदर होगा! वह भारत की कोकिला की आवाज की शक्ति थी।
यह एक बहुत बड़ी क्षति है, लेकिन दीदी का गौरवशाली जीवन सिर्फ संगीत प्रेमियों को ही नहीं, बल्कि हर इंसान को प्रेरित करता रहेगा। एक आवाज इतनी मधुर और तीव्र थी कि वह श्रोताओं को मदहोश कर देती थी। हाँ, यह सच है कि जब लता मंगेशकर ने गाया तो आत्मीयता के स्पंदन का अनुभव हुआ।


इतने सारे पसंदीदा गाने हैं कि हम में से प्रत्येक सहमत होगा, लेकिन यह एक गीत है जो सभी भारतीयों के दिलों में रहता है। इसे 1963 में बहुत पहले गाया गया था।

यह सुंदर गीत कवि प्रदीप द्वारा लिखा गया था और संगीत सी. रामचंद्र द्वारा दिया गया था, और महान स्वर्गीय लता जी द्वारा खूबसूरती से गाया गया था। यह नेशनल स्टेडियम दिल्ली में किया गया था। यह कार्यक्रम 27 जनवरी 1963 को दोपहर 3.00 बजे आयोजित किया गया था। यह चीनी युद्ध के बाद जवानों को श्रद्धांजलि के रूप में आयोजित किया गया था। दर्शकों में प्रतिष्ठित राजनीतिक नेता और पूरी फिल्म बिरादरी शामिल थी। इस संयोजन को एक साथ लाने में रक्षा मंत्रालय को बहुत गर्व हुआ। लता दीदी के गाए इस भावपूर्ण श्रद्धांजलि में एक पिन ड्रॉप साइलेंस देखा गया। यह जाना जाता है कि नेहरु जी की ही नहीं, बल्कि पूरे स्टेडियम में आंसू ला दिए थे।


भारत की कोकिला को हमारा अंतिम अलविदा! आपकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले!

Related Post