Mastering Self-Study: Your Ultimate Guide to NEET-UG Success
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572 total views In the quest to conquer competitive exams like NEET-UG, one thing stands as an unwavering truth: self-study is […]
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533 total views The National Eligibility cum Entrance Test (NEET) is undoubtedly one of the most crucial exams for aspiring medical […]
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572 total views Most students find NEET to be daunting, however there are some aspects that should be followed before & […]
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604 total views हिंदी में मेडिकल की पढाई एक सकारात्मक परिवर्तन है – प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी महात्मा गाँधी, सुभाष चंद्र बोस जैसे सदी के महानायक ही नहीं अपितु असंख्य गणमान्य ने प्रचार, प्रसार, सम्बोधन एवं लेखन के लिए हिंदी भाषा व देवनागरी लिपि को ही अपना प्रधान माध्यम चुना। आजादी के 75 साल में देश की आर्थिक, शैक्षणिक एवं आतंरिक विकास वृद्धि के लिए राष्ट्रभाषा का योगदान अभूतपूर्व रहा है।विकास की दौड़ में जहाँ हमारा देश आज विश्व में हर एक क्षेत्र में नामतः इंजीनियरिंग, डॉक्टरी, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट हो या विश्वपटल के नामचीन संस्थानों (गूगल,फेसबुक )में कई कीर्तिमान स्थापित किये है वहीँ देश विश्व के कई विकसित देशो को पछाड़ कर विश्व के अग्रणीय अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आया है। परन्तु अभी भी एक तपका है जो हिंदी भाषी है जिनकी पढाई हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषा में होते है एवं जो देश के कोने कोने में व्याप्त है, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल जैसे संस्थानों में दाखिला लेने में एवं अंग्रेजी में पढाई करने में असमर्थता जताते रहे है क्यों की इन संस्थानों विषयोक्ति एवं परीक्षाएं अंग्रेजी में होती है। मध्यप्रदेश की सरकार ने इस दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। सरकार ने ये घोषणा कर दी है की राज्य के सारे सरकारी मेडिकल कॉलेजो में छात्र अब हिंदी में पढाई कर सकते है एवं परीक्षा भी दे सकते है। मध्यप्रदेश के शिक्षामंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि जैसे राज्य में कान्वेंट स्कूलों को छोड़कर सभी स्कूलों में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में पढाई कराइ जाती है वैसे ही हम भी छात्रों को दोनों भाषाओ में पुष्तक उपलब्ध करवाएंगे एवं छात्र हिंदी या अंग्रेजी मनचाहे माध्यम से परीक्षा देने में सक्षम होंगे। इस कदम को सफल बनाने के लिए सरकार ने 97 डॉक्टरों की टीम बनायीं है जो मूलपाठ को हिंदी में अनुवाद करेंगे। एक 14 लोगो की कमेटी का गठन किया गया जो कोर्स को डिज़ाइन करेंगे। जहाँ इस कदम से मध्यप्रदेश में ख़ुशी की लहर है वही समूचे देश में लोग आशावान है कि इस पहल के बाद संभवतः अन्य राज्य भी जल्द ही इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये। इससे उस तपके के छात्र भी लाभान्वित होंगे जो होनहार एवं सक्षम तो है परन्तु गरीब की मार झेल रहे है और कई सामाजिक सुख सुविधाओं से वंचित है। विद्यामंदिर समस्त परिवार मध्यप्रदेश सरकार की अतुलनीय कदम की सराहना करती है एवं देश के सभी छात्रों को शुभकामनाए देती है ।
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770 total views Self-discipline allows you to choose and then stick to actions, attitudes, and behaviors that contribute to growth and […]